Premanand ji maharaj: 10 गलतियों के कारण ब्रह्मचर्य क्षीण होता है

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पहला– परस्पर दर्शन कामभाव से

दूसरा–परस्पर स्पर्श करना

तीसरा–किसी भी जीव का संभोग क्रिया देखना.

चौथा –परस्पर बैठ करके एक दूसरे की तारीफ करना.

पांचवा– यदि स्त्री पुरुष एकांत में बैठकर के भाषण करते हैं तो ब्रह्मचर्य क्षीण होगा.

छठा–एकांत में बैठकर के भोग का संकल्प कर लेना.

सातवां–कोई भी स्त्री–पुरुष साथ में बैठ करके मजाक नहीं करना चाहिए.

आठवां–ब्रह्मचर्य धारण करने वाले साधक को विपरीत लिंग वाले से संग नहीं करना चाहिए.

नौवां–एकांत में रहकर के खेलना नहीं चाहिए.

दसवां–एकांत में बैठकर के बातचीत नहीं करना चाहिए.