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चंदन की कहानी जानकर, कभी पढ़ने का बहाना नही बनाओगे

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Monday motivation:

एक बार की बात है, चंदन नाम का लड़का अपनी कक्षा में लगातार प्रथम स्थान लाता था. परंतु एक बार जब चंदन अपने स्कूल की परीक्षा में लगातार असफल हो रहा था उसको समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है. उसने अपने पापा से इस बारे में पूछा. क्योंकि उसका, उसके पापा से एक दोस्त जैसा संबंध था और मां से बहुत डरता था. चंदन ने अपने पिताजी से पूछा– पापा, मैं अपनी परीक्षा में असफल हो रहा हूं. उसके पिता ने उससे कुछ ना कहा. 
रविवार की स्कूल की छुट्टी थी उस दिन फिर से अपने पापा से यही सवाल पूछा, उसके पापा ने कुछ नहीं कहा सिर्फ इतना बोला कि चंदन पहले एक काम करो तब चंदन ने कहा– क्या करना है पिताजी. चंदन के पापा ने कहा– बेटा वॉशरूम की सफाई करो. चंदन नाराज हो गया परंतु वह अपने पिता के बात का टाल भी नहीं सकता था. चंदन, वॉशरूम क्लीनर की मदद से बाथरूम के टाइल्स को रगड़ रगड़ कर साफ़ कर था. परंतु वह साफ नहीं हो रहा था क्योंकि वह बाथरूम पिछले 7 दिनों से गंदा था और चंदन का पर्सनल वॉशरूम था तो पिताजी ने उसके सवाल का जवाब देने के लिए बाथरूम को गंदा छोड़ दिया. चंदन बेचारा पहले उसकी मां उसके कपड़े से लेकर वॉशरूम तक साफ कर देती थी लेकिन इस बार चंदन के पिता ने मां को मना कर दिया था. चंदन 3–4 घंटे लगातार washroom को साफ करता रहा. लेकिन वह बाथरूम साफ नहीं हो रहा था, अंत में थककर चंदन अपने पिताजी से बोलता है पिताजी मुझसे ना होगा.

चंदन के पिता जी बोलते हैं, क्या हुआ बेटा इतना परेशान क्यों हो, क्या तुमने वॉशरूम साफ कर दिया. चंदन के मुंह से कुछ शब्द नहीं निकल रहा था क्योंकि वह इतना थका हुआ था कि थक के मरे आवाज ही नहीं निकल रही थी. फिर कुछ पल बाद बोलता है, पिताजी मैं कब से वॉशरूम साफ कर रहा हूं परंतु वह वॉशरूम साफ होने का नाम ही नहीं ले रहा. मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी लेकिन टाइल्स से पीलापन नहीं जा रहा. फिर चंदन के पिता जी बोलते हैं, ठीक इसी तरह अगर तुम अपने पढ़ाई पर लगातार फोकस नहीं करोगे और एक दिन खूब पढ़ाई करोगे तो कोई रिजल्ट सामने नहीं आने वाला. तुम हमेशा ऐसा ही करता था जब एग्जाम आते थे तो एक दिन पहले खूब पढ़ता, परंतु होना क्या था तुम फेल हो गए.

चंदन को यह बात समझ में आ गई और पिताजी की बात को हमेशा याद करते गया और फिर से खूब पढ़ाई करने लगा. रविवार को पहले खूब मौज मस्ती करता था, लेकिन उस दिन भी खेलने के बजाय पढ़ाई करता रहा. एग्जाम के दिन आ गए और इस बार चंदन के चेहरे पर रौनक दिखाई दे रही थी, जिससे चंदन के माता-पिता को पता चल गया कि चंदन इस बार एग्जाम में टॉप करेगा.

अब एग्जाम का रिजल्ट अनाउंस होने वाला था. चंदन अपने माता-पिता को बता दिया कि इस दिन एग्जाम का रिजल्ट आएगा. उसके माता-पिता पहले ही जानते थे. चंदन इस बार एग्जाम में टॉप करेगा और ऐसा हुआ भी. प्रिंसिपल ने कैंपस में चंदन का नाम लिया और कहा कि चंदन ने इस बार अपनी कक्षा में टॉप नहीं किया उसके बाद प्रिंसिपल चुप हो गए. माता पिता के चेहरे को उदासी छा गई. उन्हें कुछ समझ नही आ रहा था. चंदन के माता पिता को लगा की फिर से चंदन ने समाज में नाम खराब कर दिया. फिर प्रिंसिपल ने बोला की चंदन ने न सिर्फ अपनी कक्षा में टॉप किया बल्कि इस स्कूल में टॉप किया है. उसके बाद चंदन के माता पिता के आंखों से आंसू निकल गए. हालांकि, चंदन के माता पिता घर से सोचकर आए थे, चंदन अपनी कक्षा में टॉप कर जाएगा परंतु उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह स्कूल टॉप करेगा और सभी लोग चंदन की सफलता पर तालियां बजाने लगे और पूरा कैंपस तालियों की गरगराहट से गूंज उठा. प्रिंसिपल ने चंदन से success के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मैंने कोई अलग काम नहीं किया. हां, मैंने अपनी पढ़ाई में निरंतरता दिखाई, जिस कारण मैं स्कूल में टॉप कर पाया और यह सारा श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहता हूं. खासकर पिताजी को जिन्होंने मेरी बहुत मदद की.
सीख: मनुष्य को निरंतर काम करते रहना चाहिए तभी वे अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएगा.

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