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रोहन की कहानी सुनकर काम करने की प्रेरणा जाग जायेगी, टैप कर पढ़े

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Monday motivation:

यह कहानी रोहन की है, जब वह अपनी कक्षा में लगातार असफल हो रहा था. परंतु उसे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा उसके साथ क्यों हो रहा है क्योंकि रोहन बहुत ही तेज और होनहार छात्र था. वे बचपन से हर क्लास में टॉप करता था, परंतु इस बार वे लगातार असफल हो रहा था. फिर रोहन ने अपनी मां से इसका हल पूछा. मां, मैं अपनी कक्षा के एग्जाम में फेल हो जा रहा हूं. तब मां ने रोहन से कहा शाम को बात करना, मैं तुम्हें बताता हूं. रोहन सोच रहा था कि मां ऐसा क्या सॉल्यूशन देने वाली है, जिससे मैं अपने एग्जाम में पास हो सकूंगा. रोहन इंतजार करता रहा करता रहा, फिर शाम हो गई. फिर से रोहन ने मां से पूछा कि मां, मुझे अपने एग्जाम में पास होना है. मां ने कहा, तुम इसलिए असफल हो रहे हो क्योंकि तुम समय का उपयोग नहीं कर रहे हो, जब मैंने कहा था कि तुम्हें शाम को कुछ टिप्स बताऊंगा तो तुम्हें इंतजार करने की क्या जरूरत थी, तुम अपनी पढ़ाई करते, परंतु पढ़ाई करने के बजाय तुम यह सोच रहे थे ऐसा कौन सा ट्रिक्स मां बताने वाली है, जिससे मैं अपनी कक्षा में सफल हो जाऊंगा.

अब रोहन, मां की बात को पूरे अच्छे से समझ गया की परीक्षा में असफल होने का मेन कारण मैं अपने समय का सदुपयोग नहीं कर पा रहा. रोहन फिर से एग्जाम की तैयारी करने लगा. उसने अपना डेली रूटीन अपनी स्टडी रूम में टांग दिया था. वह खूब पढ़ने लगा, ऐसा नहीं था कि सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई कर रहा था. वह पढ़ने के साथ साथ खेल भी रहा था, परंतु अपने सही समय पर. धीरे-धीरे एग्जाम का दिन आ गया. पहला एग्जाम देने के बाद मां ने रोहन से पूछा रोहन बेटा कैसा गया एग्जाम. रोहन ने कुछ नहीं कहा, परंतु उसकी मुस्कान से मां को पता चल गया कि एग्जाम अच्छा गया. एक-एक करके सभी विषयों का एग्जाम रोहन ने दे दिया. इस बार रोहन अपनी कक्षा में सबसे टॉप आ गया. फिर से लोग उसकी प्रशंसा करने लगे और जो रोहन की जगह टॉप आता था वह कक्षा में दूसरे नंबर पर आया. उसे रोहन से जलन होने लगी, अब वह रोहन से बात भी नहीं करता. फिर रोहन फाइनल एग्जाम की तैयारी करने लगा पिछली बार की तरह इस बार भी अपने रूटीन को फॉलो करता रहा. उसके घर में शादी थी परंतु रोहन को टाइम मैनेज करने आ गया था. शादी में कुछ देर शामिल होता, उसके बाद किताब लेकर पढ़ाई में जुट जाता. सभी लोग उससे आश्चर्यचकित हो गए थे, क्योंकि आज तक रोहन को किसी ने इतना पढ़ते नही देखा था. रोहन का फाइनल एग्जाम खत्म हो गया. उसने एक-एक करके सभी विषयों का एग्जाम दे दिया. मां ने पूछा– रोहन कैसा गया आपका एग्जाम, रोहन सिर्फ मुस्कुराया. मां तो मां थी वह समझ गई लगता है रोहन को समझ में आ गया की समय का पालन करने से कुछ भी संभव है. 


सभी पेरेंट्स को, स्कूल में बच्चों के रिजल्ट के लिए बुलाया गया था. इस बार रोहन के मां के साथ, पापा भी स्कूल पहुंचे क्योंकि पापा की जॉब की छुट्टी थी. सभी पेरेंट्स स्कूल के हॉल में बैठे साथ ही बच्चे भी बैठे थे. कक्षा के हिसाब से स्टूडेंट का रिजल्ट सुनाया जा रहा था. रोहन 4th कक्षा में पढ़ता था, परंतु उसकी कक्षा का रिजल्ट अंतिम में प्रिंसिपल ने सुनाना स्टार्ट किया. प्रिंसिपल ने कहा– इस बार 4th कक्षा में रो.. बोले, तभी रोहन के पीछे बैठा छात्र, जिसका रोमन नाम था. वह जोर से बोला, जिससे सभी लोग उसकी आवाज को सुनकर उसकी तरफ देखने लगे. क्योंकि वह अपनी कक्षा में सबसे कमजोर स्टूडेंट था. सभी लोग हैरान थे. प्रिंसिपल ने पूरा शब्द बोला कि, रोहन इस बार ना सिर्फ अपनी कक्षा में टॉप किया बल्कि इस स्कूल में टॉप किया है. रोहन के माता-पिता रोहन की रिजल्ट सुनकर गदगद हो गए. फिर रोहन अपना सर्टिफिकेट और ट्रॉफी लेने स्टेज पर गया. प्रिंसिपल ने रोहन की सफलता का राज पूछा, रोहन ने कहा– मेरी सफलता का राज मेरी मां है, जिन्होंने मुझे समय का सदुपयोग करना सिखाया. मां ने कहा था जीवन में कितनी भी समस्याएं क्यों ना आए अगर हम लगातार प्रयास करे तो किसी भी मुकाम तक पहुंच सकते है. उसके बाद रोहन अपनी माता पिता के साथ घर पहुंचता है. माता पिता पड़ोसियों में बेटे की सफलता पर मिठाई बांटते है और घर में खुशियों का आलम आ गया.

सीख– मनुष्य को निरंतर काम करते रहना चाहिए तभी वे अपने लक्ष्य तक पहुंच पाएगा.

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