फिर से किसान का बेटा ने यूपीएससी में धमाल मचा दिया है. उत्तरप्रदेश के अमरोहा जिला के रहने वाले किसान के बेटे ने पूरे भारत में टॉप 10 में जगह बनाया है. जैसे ही इस बात की जानकारी अमरोहा में उनके परिवार को मिली, घर में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी माता पिता बेटे की सफलता पर गदगद हैं उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि उनका लाल यूपीएससी क्रैक किया है और साथ ही पूरे भारत में 6वां रैंक हासिल किया है. आइए जानते हैं, उन्होंने यह सफलता कैसे हासिल की.
यश चौधरी ने यूपीएससी परीक्षा 2021 में 6th रैंक प्राप्त किया है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिला के नौगावां सादात के नया गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम नौनिहाल सिंह है, जो एक किसान हैं और माता गृहिणी है.
उन्होंने शुरुआती पढ़ाई लिखाई उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूल से की है. उसके बाद 10th और 12th सर्वोदय सरस्वती अकैडमी अमरोहा से किया. उन्होंने आईआईटी का एग्जाम दिया था, जहां पर 8.6 सीजीपीए रिजल्ट प्राप्त हुआ था, जिस कारण उन्होंने आईआईटी गुवाहाटी में एडमिशन करवाया. वर्ष 2017 में यक्ष ने आईआईटी गुवाहाटी से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. उसके बाद उन्होंने यूपीएससी की प्रिपरेशन चालू कर दी. वर्ष 2019 में उन्होंने पहला अटेंप्ट दिया. लेकिन प्री तक क्लियर नहीं हुआ जिस कारण निराश वे निराश हो गए थे. हालांकि, उसी साल उनका चयन सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हो गया था. परंतु कुछ दिन बाद जॉब से लीव ले लिया और फिर से UPSC की तैयारी करने लगे. वर्ष 2020 में भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया और इंटरव्यू में 6 marks से रह गए. उसके बाद वर्ष 2022 में पूरे भारत में सिविल सर्विस एग्जाम में 6th रैंक लाकर, अमरोहा जिला का नाम रौशन कर दिया.
आपको जानकारी के लिए बता दूं कि उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट sociology था और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा इंग्लिश मीडियम से दी थी. यक्ष ने G.S. की कोचिंग ‘बाजीराव एंड रवी’ दिल्ली से की, बाकी वे खुद से सेल्फ स्टडी करते थे.
जब उनसे पूछा गया कि कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा कि “एकदम ड्रीम जैसा लग रहा है एकदम सब कुछ अच्छा हो गया है जज्बात एकदम से पलट गए हैं.” आप कितने घंटे पढ़ाई करते थे तो उन्होंने इसके संदर्भ में जवाब दिया कि “शेड्यूल तो ऊपर नीचे होते रहता है कभी ज्यादा पढ़ लेते हैं तो कभी कम पढ़ लेते हैं फर्स्ट अटैक के दौरान आठ 9 घंटे तक पढ़ाई की उसके बाद सेकंड और थर्ड अटेम्प्ट में 6–6 घंटे की पढ़ाई की.”
उसके बाद जब उनसे पूछा गया कि आप जीत का श्रेय किसे देना चाहते हैं तो उन्होंने बताया, “मैं अपनी जीत का श्रेय पूरे परिवार(माता पिता और भाई बहन) दोस्त लोग(लबिका, अभिषेक और सुनील) और खुद को, क्योंकि मैंने कई घंटे तक हार्ड वर्क किया है.
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