सफल लोगों की एक खास बात होती है. उनके जीवन में लाख परेशानीयां आती है, परंतु वे कभी हताश नहीं होते. वे अपने गोल(goal) तक पहुंच ही जाते हैं. ठीक इसके विपरीत असफल लोग परिस्थितियों का रोना रोते रहते हैं. वे कोई ना कोई बहाना बनाते रहते हैं, मेरा भाग खराब है भगवान यह कर देते तो मैं पक्का सफल हो जाता. तरह तरह कि बातें लोगों को सुनाते रहते हैं. परंतु उन्हें यह नहीं मालूम कि दुनिया रिजल्ट देखती है. चाहे आप कैसे भी हो, आपने अपने जीवन में क्या मुकाम हासिल किया है, लोगो को इससे मतलब होता है.
यूपीएससी सिविल सर्विस 2021 का परिणाम 30 मई 2022 को आया. इसमें रैंक वन की चर्चा हो रही थी परंतु उसके बाद सबसे ज्यादा चर्चा रैंक 7 की हो रही है. आप लोग सोचेंगे कि रैंक 2 कि क्यों नहीं. रैंक 7 कैंडिडेट का नाम सम्यक जैन है, जो अपनी आंखों से देख नहीं सकते हैं. इसके बावजूद उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम दिया और दूसरे प्रयास में सफल भी हुए. आइए उनकी प्रेरणादायक कहानी जानते हैं.
सम्यक जैन ने वर्ष 2021 के यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में 7 वां रैंक लाए है. उनका जन्म दिल्ली के शाहदरा इलाका में हुआ था. उनके पिता का नाम संजय जैन है, जो फ्रांस में एयर इंडिया कंपनी के कंट्री मैनेजर है और वे अभी पेरिस में रहते हैं. उनकी माता वंदना जैन भी एयर इंडिया की कर्मचारी है परंतु वे दिल्ली में रहती है. सम्यक जैन की बड़ी बहन पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए अमेरिका गई है.
उन्होंने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से कि उसके बाद वेद 10th और 12th के लिए मुंबई आ गए. सम्यक की आंखों में बचपन से परेशानी नहीं थी वह अपनी आंखों से देख सकते थे परंतु जब उनकी उम्र 20 की हुई तो उनकी आंखों में समस्या उत्पन्न होने लगी और कुछ समय बाद उन्हें आंखों से एकदम दिखना बंद हो गया. यह बात तब की है जब वे 12वीं के बाद बी टेक में एडमिशन करवाया. बी टक में फर्स्ट ईयर के दौरान उनकी आंखों में समस्या हुई और जब जांच कराया गया तो पता चला है कि यह एक जेनेटिकल बीमारी(macular degeneration) है. डॉक्टरों ने बताया कि इसका कोई इलाज नहीं है, जिसके चलते पढ़ाई बीच में छोड़ दी और ग्रेजुएशन करने के लिए, डीयू में ओपन स्कूलिंग में एडमिशन कराया, जहां से इंग्लिश ऑनर्स से स्नातक की डिग्री हासिल की. वे आईआईएमसी(IIMC) से इंग्लिश जर्नलिज्म का कोर्स किया. उसके बाद m.a. की पढ़ाई के लिए जेएनयू में एडमिशन करवा लिया, जहां से इंटरनेशनल रिलेशन की डिग्री हासिल की. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही यूपीएससी के बारे में उन्हें ख्याल आया क्योंकि वहां पर कई स्टूडेंट्स यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे. मार्च 2020 से यूपीएससी प्रिपरेशन चालू कर दी. उसी साल उन्होंने पहला टाइम दिया, परंतु वह असफल हो गए. लेकिन उनके अंदर कुछ करने का जज्बा ही उन्हें मेहनत कराने पर विवश किया और फिर से पढ़ाई में जुट गए और साल 2021 की परीक्षा में शामिल हो गए. उनकी मेहनत का ही नतीजा देखिए उन्होंने दूसरे attempt में यूपीएससी की परीक्षा पास कर दी. बल्कि पास ही नहीं किया पूरे भारत में सातवां रैंक लाकर परिवार का नाम रोशन कर दिया. यही नहीं, उन्होंने पीडब्ल्यूडी कैटेगरी में भी टॉप किया है.
हालांकि, यह इतना आसान नहीं था. क्योंकि उन्हें आंखों से दिखाई नहीं देता था, जिस कारण उन्होंने यूपीएससी के प्री में अपनी मां से पेपर दिलवाया और जब यूपीएससी का मेंस एग्जाम की बारी आई तो एक दोस्त ने पेपर लिखने में उनकी मदद की.
सम्यक जैन से जब पूछा जाता है कि आप जीत का श्रेय किसे देना चाहते हैं तो उन्होंने माता पिता के साथ दोस्तों का भी जिक्र किया. खासकर उन्होंने अपने मामा को भी यूपीएससी एग्जाम में सफल होने का श्रेय दिया क्योंकि उनके मामा ही एग्जाम दिलवाने ले जाते थे. उन्होंने आगे कहा, मैं प्रतिदिन 7–8 घंटा पढ़ाई करता था जिसके चलते यह सब कुछ संभव हो पाया है.
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